
अमेरिका की राजनीति में एक और नया मोड़ आ गया है — राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फेडरल रिजर्व गवर्नर लिसा कुक के बीच अब सीधा कोर्ट वार शुरू हो गया है।
ट्रंप ने क्यों हटाया लिसा कुक को?
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह दावा किया कि लिसा कुक ने मॉर्टगेज डॉक्युमेंट्स में ग़लत जानकारी दी, और यही वजह है कि उन्हें पद से हटाया जा रहा है।
हालाँकि, उनके वकील एबी डेविड लोवेल का कहना है कि:
“राष्ट्रपति को लिसा कुक को हटाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। यह नियुक्ति तय अवधि की होती है, न कि प्रेसिडेंशियल इच्छा पर।”
ब्याज दरों पर रार!
जुलाई 2025 में हुई पिछली बैठक में लिसा कुक, जेरोम पॉवेल और अन्य सदस्यों ने ब्याज दरों को बरकरार रखने के पक्ष में वोट दिया था।
वहीं ट्रंप लगातार ब्याज दरों में कटौती का दबाव बना रहे हैं ताकि चुनावी साल में आर्थिक ग्रोथ को बूस्ट मिल सके।
अब मामला पहुंचेगा कोर्ट में
लिसा कुक इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ेंगी। यह पहली बार होगा जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने फेडरल रिजर्व गवर्नर को हटाने की कोशिश की है, जिससे संविधानिक बहस भी तेज़ हो सकती है।

लिसा कुक: इतिहास रचने वाली महिला
लिसा कुक को 2022 में जो बाइडेन ने नियुक्त किया था। वो इस पद पर काम करने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला हैं, और ट्रंप का यह कदम न केवल राजनीतिक बल्कि संवैधानिक और नस्लीय बहस को भी जन्म दे सकता है।
ट्रंप बनाम फेडरल रिजर्व की यह जंग केवल ब्याज दरों तक सीमित नहीं रहेगी — ये अमेरिका की संस्थागत स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक दखल की बड़ी लड़ाई बन सकती है। अब सबकी निगाहें कोर्ट पर हैं — जहां तय होगा कि कुर्सी बचेगी या हिलेगी!
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